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सर्व बाधा निवारक काली मन्त्र




.काली काली जप काली ||
जप पीपर के डाली ||
बावन वीर बजाये ताली ||
अस के मार मारौं ||
तो पहुंचे भैंसासुर के मार ||
नवरात्री में 1008 बार जप करके सिद्ध करेंगे
अष्टमी को 11 नेम्बू काटकर माता को चढ़ाएंगे


इसके प्रयोग के समय आखिरी में नीचे लिखा पद भी  जोड़कर बोलेंगे
|| मोर फूंके मोर गुरु के फूंके महादेव पारवती के फूंके 56 कोटि देवी देवता के फूंके सब साफ़ ख़तम ||

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कुलदेवी एवं कुलदेवता आकर्षण मंत्र

ॐ नमो कामद काली कामक्षा देवी तेरे सुमरे बेडा पार, पढि पढि मारुं गिन गिन फूल, जाहि बुलाई सोई आये, हांक मार हनुमान वीर पकड ला जल्दी, दुहाई तोय सीता सती, अंजनी माता की, मेरा मंत्र सांचा पिण्ड काचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, इस मंत्र का ५१ दिन तक जाप होता है बाबा लंगोटी वाले के मंदिर मे बाबा के सभी यम नियम का पालन होता है ५१ दिन पूरे होने पर 41 वे दिन दशांश हवन एव विशेष पुजा होती है जिसमें आपको कोई आदमी दिखाई दे सकता है ओर कोई ध्वनि भी सुनाई दे सकती है या स्वप्न भी आ सकता है 41 दिन मंत्र जप करने के बाद आप इसका प्रयोग किसी ओर के लिये भी कर सकते है किसी का दोष जानने के लिये.. मेल करें 

श्री काली जगन्मंगल कवचम्

(श्री काली जगन्मंगल कवचम्) ।।श्री दक्षिणाकाली प्रसन्नोस्तु।। . श्री काली जगन्मंगल कवचम् श्री भैरव्युवाच काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम् ॥ सर्व सिद्धि प्रदं पुण्यं कवचं परमाद्भुतम् । अतो वै श्रोतुमिच्छामि वद मे करुणानिधे ॥ भैरवउवाच रहस्यं श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि प्राण वल्लभे । श्री जगन्मङ्गलं नाम कवचं मंत्र विग्रहम् ॥ पाठयित्वा धारयित्वा च त्रौलोक्यं मोहयेत्क्षणात् । नारायणोऽपि यद्धृत्वा नारी भूत्वा महेश्वरम् ॥ योगिनं क्षोभमनयत् यद्धृत्वा च रघूत्तमः। वर तृप्तो जघानैव रावणादि निशाचरान् ॥ यस्य प्रसादादीशोऽहं ्रैलोक्य विजयी प्रभुः । धनाधिपः कुबेरोऽपि सुरेशोऽभूच्छचीपतिः । एवं हि सकला देवाः सर्वसिद्धिश्वराः प्रिये ॥ विनियोग:- ॐ श्री जगन्मङ्गलस्यास्य कवचस्य ऋषिः शिवः । छ्न्दोऽनुष्टुप् देवता च कालिका दक्षिणेरिता ॥ जगतां मोहने दुष्ट विजये भुक्तिमुक्तिषु । योषिदाकर्षणे चैव विनियोगः प्रकीर्तितः ॥ ऋष्यादि-न्यास:- श्री शिव ऋषये नमःशि...

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