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Showing posts from 2018

बिना गुरू-मंत्र साधना

मंत्र साधना से पहले कोई भी गुरू मंत्र जो भी आपको मिला हो गुरु मंत्र का १२५००० जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.  अगर कोई भी गुरू नही है तो और  यदि योगय गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का १२५००० जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:- १] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :- :: ॐ नमः शिवाय :: २] महाकाली बीज मंत्रम :- || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ॐ || ३] शिव शक्ति मंत्रम :- || ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः || ४] शिव गुरु मंत्रम :- || ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः || जप कैसे करें:- जाप के लिए रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं.     गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.     इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.     गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए

सर्व बाधा निवारक काली मन्त्र

.काली काली जप काली || जप पीपर के डाली || बावन वीर बजाये ताली || अस के मार मारौं || तो पहुंचे भैंसासुर के मार || नवरात्री में 1008 बार जप करके सिद्ध करेंगे अष्टमी को 11 नेम्बू काटकर माता को चढ़ाएंगे इसके प्रयोग के समय आखिरी में नीचे लिखा पद भी  जोड़कर बोलेंगे || मोर फूंके मोर गुरु के फूंके महादेव पारवती के फूंके 56 कोटि देवी देवता के फूंके सब साफ़ ख़तम ||

कुलदेवी एवं कुलदेवता आकर्षण मंत्र

ॐ नमो कामद काली कामक्षा देवी तेरे सुमरे बेडा पार, पढि पढि मारुं गिन गिन फूल, जाहि बुलाई सोई आये, हांक मार हनुमान वीर पकड ला जल्दी, दुहाई तोय सीता सती, अंजनी माता की, मेरा मंत्र सांचा पिण्ड काचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, इस मंत्र का ५१ दिन तक जाप होता है बाबा लंगोटी वाले के मंदिर मे बाबा के सभी यम नियम का पालन होता है ५१ दिन पूरे होने पर 41 वे दिन दशांश हवन एव विशेष पुजा होती है जिसमें आपको कोई आदमी दिखाई दे सकता है ओर कोई ध्वनि भी सुनाई दे सकती है या स्वप्न भी आ सकता है 41 दिन मंत्र जप करने के बाद आप इसका प्रयोग किसी ओर के लिये भी कर सकते है किसी का दोष जानने के लिये.. मेल करें 

काली माँ कि कृपा प्राप्त कर समस्त समस्या निवारणके लिये यह स्तोत्र पाठ

काली माँ कि कृपा प्राप्त कर समस्त समस्या निवारणके लिये यह स्तोत्र हर सुवह 1 बार जरूर पाठ करके देखलिजिये आपको लाभ जरूर मिलेगा। जय माँ काली.... श्री श्री काली सहस्त्राक्षरी ।। ******************** ॐ क्रीं क्रीँ क्रीँ ह्रीँ ह्रीँ हूं हूं दक्षिणे कालिके क्रीँ क्रीँ क्रीँ ह्रीँ ह्रीँ हूं हूं स्वाहा शुचिजाया महापिशाचिनी दुष्टचित्तनिवारिणी क्रीँ कामेश्वरी वीँ हं वाराहिके ह्रीँ महामाये खं खः क्रोघाघिपे श्रीमहालक्ष्यै सर्वहृदय रञ्जनी वाग्वादिनीविधे त्रिपुरे हंस्त्रिँ हसकहलह्रीँ हस्त्रैँ ॐ ह्रीँ क्लीँ मे स्वाहा ॐ ॐ ह्रीँ ईं स्वाहा दक्षिण कालिके क्रीँ हूं ह्रीँ स्वाहा खड्गमुण्डधरे कुरुकुल्ले तारे ॐ. ह्रीँ नमः भयोन्मादिनी भयं मम हन हन पच पच मथ मथ फ्रेँ विमोहिनी सर्वदुष्टान् मोहय मोहय हयग्रीवे सिँहवाहिनी सिँहस्थे अश्वारुढे अश्वमुरिप विद्राविणी विद्रावय मम शत्रून मां हिँसितुमुघतास्तान् ग्रस ग्रस महानीले वलाकिनी नीलपताके क्रेँ क्रीँ क्रेँ कामे संक्षोभिणी उच्छिष्टचाण्डालिके सर्वजगव्दशमानय वशमानय मातग्ङिनी उच्छिष्टचाण्डालिनी मातग्ङिनी सर्वशंकरी नमः स्वाहा विस्फारिणी कपा...