विभिन्न प्रकार के वेद शास्रो का अध्ययन करने से विभिन्न प्रकार की ईचछाए पूरण होती हैं और जीवन के विभिन्न भागों में अपना असर दिखाते हैं
०१ श्री शिव महापुराण ................. ........अलौकिक सुख ,मोक्ष पाने हेतु.
०२ श्री विष्णु महापुराण ............... भौतिक सुख,समृधि पाने हेतु.
०३ श्री देवीभगवत महा पुराण............... पारिवारिक अंतर्कलह निवारण हेतु.
०४ श्री गणेश महापुराण ...................... संतान सुख ,संतान विद्या प्राप्ति हेतु.
०५ श्री हरी वंशमहापुराण .....................संतान प्राप्ति,पुत्र प्राप्ति हेतु.
०६ श्री लिंग महापुराण .........................वैभव पाने हेतु.
०७ श्री स्कंध महापुराण........................प्रेत दोष शांति हेतु,मोक्ष पाने हेतु.
०८ श्रीमद भगवत महापुराण ................प्रकति, सम्पन्नता हेतु.
०९ श्री अग्निमहापुराण .......................समस्त बीजो की प्रमाणिकता हेतु.
१० श्री नर्मदा महापुराण.........................हरीभरी प्रकति उठान हेतु .
११ श्री वामन महापुराण..........................ब्रहमांड की रक्ष हेतु.
१२ श्री ब्रम्हा वैवत्य महापुराण................सनातन धर्मं की रक्षा हेतु
13 श्री पद्मा महापुराण ...........................गृहलक्ष्मी शांति हेतु.
१४ श्री नारदीय महापुराण......................ज्ञान ओर मोक्ष पाने हेतु.
१५ श्री गरुड़ महापुराण .........................मोक्ष ,कर्म ज्ञान ,प्रेत शांति हेतु.
१६ श्री मत्स्य महापुराण .......................सामुद्रिक ज्ञान ,संस्कार शांति हेतु.
१७ श्री भविष्य महापुराण.......................कालो की गणना हेतु.
१८ श्री वारह महापुराण..........................दुष्टो से रक्षा हेतु.
ज्योतिष शास्त्र के अलावा स्मृति शास्त्र , श्रुति शास्त्र व सनातन धर्मं के अनुसार इनका पथ करने से लाभ होता है
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