Skip to main content

श्री कृष्ण स्तुति

                 

                                           
                    श्री कृष्ण स्तुति
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

Comments

Popular posts from this blog

कुलदेवी एवं कुलदेवता आकर्षण मंत्र

ॐ नमो कामद काली कामक्षा देवी तेरे सुमरे बेडा पार, पढि पढि मारुं गिन गिन फूल, जाहि बुलाई सोई आये, हांक मार हनुमान वीर पकड ला जल्दी, दुहाई तोय सीता सती, अंजनी माता की, मेरा मंत्र सांचा पिण्ड काचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, इस मंत्र का ५१ दिन तक जाप होता है बाबा लंगोटी वाले के मंदिर मे बाबा के सभी यम नियम का पालन होता है ५१ दिन पूरे होने पर 41 वे दिन दशांश हवन एव विशेष पुजा होती है जिसमें आपको कोई आदमी दिखाई दे सकता है ओर कोई ध्वनि भी सुनाई दे सकती है या स्वप्न भी आ सकता है 41 दिन मंत्र जप करने के बाद आप इसका प्रयोग किसी ओर के लिये भी कर सकते है किसी का दोष जानने के लिये.. मेल करें 

श्री काली जगन्मंगल कवचम्

(श्री काली जगन्मंगल कवचम्) ।।श्री दक्षिणाकाली प्रसन्नोस्तु।। . श्री काली जगन्मंगल कवचम् श्री भैरव्युवाच काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम् ॥ सर्व सिद्धि प्रदं पुण्यं कवचं परमाद्भुतम् । अतो वै श्रोतुमिच्छामि वद मे करुणानिधे ॥ भैरवउवाच रहस्यं श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि प्राण वल्लभे । श्री जगन्मङ्गलं नाम कवचं मंत्र विग्रहम् ॥ पाठयित्वा धारयित्वा च त्रौलोक्यं मोहयेत्क्षणात् । नारायणोऽपि यद्धृत्वा नारी भूत्वा महेश्वरम् ॥ योगिनं क्षोभमनयत् यद्धृत्वा च रघूत्तमः। वर तृप्तो जघानैव रावणादि निशाचरान् ॥ यस्य प्रसादादीशोऽहं ्रैलोक्य विजयी प्रभुः । धनाधिपः कुबेरोऽपि सुरेशोऽभूच्छचीपतिः । एवं हि सकला देवाः सर्वसिद्धिश्वराः प्रिये ॥ विनियोग:- ॐ श्री जगन्मङ्गलस्यास्य कवचस्य ऋषिः शिवः । छ्न्दोऽनुष्टुप् देवता च कालिका दक्षिणेरिता ॥ जगतां मोहने दुष्ट विजये भुक्तिमुक्तिषु । योषिदाकर्षणे चैव विनियोगः प्रकीर्तितः ॥ ऋष्यादि-न्यास:- श्री शिव ऋषये नमःशि...

काली माँ कि कृपा प्राप्त कर समस्त समस्या निवारणके लिये यह स्तोत्र पाठ

काली माँ कि कृपा प्राप्त कर समस्त समस्या निवारणके लिये यह स्तोत्र हर सुवह 1 बार जरूर पाठ करके देखलिजिये आपको लाभ जरूर मिलेगा। जय माँ काली.... श्री श्री काली सहस्त्राक्षरी ।। ******************** ॐ क्रीं क्रीँ क्रीँ ह्रीँ ह्रीँ हूं हूं दक्षिणे कालिके क्रीँ क्रीँ क्रीँ ह्रीँ ह्रीँ हूं हूं स्वाहा शुचिजाया महापिशाचिनी दुष्टचित्तनिवारिणी क्रीँ कामेश्वरी वीँ हं वाराहिके ह्रीँ महामाये खं खः क्रोघाघिपे श्रीमहालक्ष्यै सर्वहृदय रञ्जनी वाग्वादिनीविधे त्रिपुरे हंस्त्रिँ हसकहलह्रीँ हस्त्रैँ ॐ ह्रीँ क्लीँ मे स्वाहा ॐ ॐ ह्रीँ ईं स्वाहा दक्षिण कालिके क्रीँ हूं ह्रीँ स्वाहा खड्गमुण्डधरे कुरुकुल्ले तारे ॐ. ह्रीँ नमः भयोन्मादिनी भयं मम हन हन पच पच मथ मथ फ्रेँ विमोहिनी सर्वदुष्टान् मोहय मोहय हयग्रीवे सिँहवाहिनी सिँहस्थे अश्वारुढे अश्वमुरिप विद्राविणी विद्रावय मम शत्रून मां हिँसितुमुघतास्तान् ग्रस ग्रस महानीले वलाकिनी नीलपताके क्रेँ क्रीँ क्रेँ कामे संक्षोभिणी उच्छिष्टचाण्डालिके सर्वजगव्दशमानय वशमानय मातग्ङिनी उच्छिष्टचाण्डालिनी मातग्ङिनी सर्वशंकरी नमः स्वाहा विस्फारिणी कपा...